स्पर्म काउंट किसी भी शारीरिक समस्या या अनियमित जीवनशैली के कारण हो सकता है। शुक्राणु के निर्माण के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए शरीर का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है और भोजन की गुणवत्ता भी जरूरी है। कई बार हार्मोनल असंतुलन के कारण भी स्पर्म काउंट कम हो जाता है।
शुक्राणु के निर्माण में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, यदि पुरुष के शरीर में इस हार्मोन की कमी हो जाती है, तो शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा कम हो जाती है, इसे पुरुष सेक्स हार्मोन भी कहा जाता है।
यदि मनुष्य की जीवन शैली बहुत ही अनियमित है। रात के खाने, दोपहर के भोजन और नाश्ते का समय बिल्कुल भी तय नहीं है। वहीं, व्यक्ति फास्ट फूड पर बहुत ज्यादा निर्भर है। यदि कोई पुरुष बहुत तंग कपड़े पहनता है, और पर्याप्त नींद नहीं लेता है, थका हुआ रहता है, तब भी इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है।
कुछ अन्य सामान्य कारण हैं जिनकी वजह से शुक्राणुओं की संख्या कम रहती है या गुणवत्ता कमजोर रहती है।
- यदि किसी पुरुष के अंडकोष की नसों में सूजन आ जाए तो शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है।
- कई बार संक्रमण के कारण यानि कि कीटाणु से होने वाले रोगों के कारण मनुष्य के शरीर में शुक्राणुओं की कमी हो जाती है।
- पुरुष का इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर भी स्पर्म काउंट कम हो जाता है।
- यदि अंडकोष में ट्यूमर की समस्या दिखाई दे तो इस अवस्था में भी शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है।
- प्रजनन प्रणाली में किसी दुर्घटना के कारण चोट लगने के कारण भी यह समस्या देखी जाती है।
- यदि कोई पुरुष बहुत अधिक हस्तमैथुन या सहवास करता है, तो बहुत अधिक स्खलन होता है, फिर भी शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है।
- शरीर में जिंक की कमी के कारण स्पर्म काउंट कम रहता है।
- शीघ्रपतन की समस्या भी एक कारण है जिसके कारण स्पर्म काउंट कम रहता है।
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