अश्वगंधा (Ashwagandha in Hindi) एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है. जिसे असगंध के नाम से भी जाना जाता है. इस पौधे में अश्व जैसी गंध आती है. इसे इसलिए अश्वगंधा या असगंध के नाम से जाना जाता है.
यह विदानिया कुल का पौधा है. भारत में इसकी दो प्रजातियां पाई जाती है, और पूरे विश्व में इसकी कुल 10 प्रजातियां ज्ञात है.
अश्वगंधा समुद्र तल से 1500 मीटर की ऊंचाई पर पैदा होने वाला पौधा है, लेकिन अब इसकी स्वास्थ्य क्षमताओं को देखते हुए इसकी खेती बहुत बड़े पैमाने पर भारत के विभिन्न राज्यों में हो रही है.
अश्वगंधा क्या है
अश्वगंधा एक प्रसिद्ध भारतीय जड़ी बूटी है, अश्वगंधा का पौधा (Ashwagandha plant) मुख्य रूप से भारतीय जंगलों में पाया जाता है. हालांकि अब अश्वगंधा की खेती (Ashwagandha ki kheti) बड़े पैमाने पर हो रही है. अपने गुणों के कारण यह बहुत अधिक मांग में रहती है.
आयुर्वेद तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति में प्राचीन समय से ही अश्वगंधा का प्रयोग होता आ रहा है.
अश्वगंधा का प्रयोग (Ashwagandha uses in Hindi) मुख्य रूप से पुरुष धातु विकार और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जानी जाती है. साथ ही साथ यह मोटापे को भी कम करने में सहायक है.
भारत में दो प्रकार की अश्वगंधा पाई जाती है, छोटी असगंध और बड़ी असगंध. यह पौधे के आकार पर निर्भर होती है. इसका पौधा 30 सेंटीमीटर से लेकर 120 सेंटीमीटर तक लंबा हो सकता है.
भारत में और पूरे विश्व में यह अलग-अलग नामों से जानी जाती है जैसे कि पुनीर, नागोरी असगन्ध,असुंध, अमनगुरा, वरदा, बलदा, टिल्लि, विंटर चेरी, कुष्ठगन्धिनी, वराहकर्णी, अमुक्कुरम इत्यादि. ग्रामीण क्षेत्रों में यह और भी अलग-अलग नामों से जाना जाता है, तथा विश्व के अलग-अलग हिस्सों में यह अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है.
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अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए